मुहावरे और उनके शराबिक अर्थ
मुहावरे और उनके शराबिक अर्थ !
हाथ पाँव फूलना – समय पर दारू का ना मिलना
ऊंट के मुंह मे जीरा – दारू कम पड़ जाना
कलेजा ठंडा होना – एक पैग गले के नीचे उतरना
मुँह मीठा करना – पहली बार किसी को दारू पिलाना
हाथ साफ करना – दूसरे का पैग भी चुपचाप पीना
नेकी कर दरिया में डाल – फ्री में दोस्तो को पिलाना
आँख फड़कना – नशा उतर जाना
आँख लाल करना – फुल नशा हो जाना
अंधे की लकड़ी – कोई पिलाने वाला मिल जाना
अंगारों पर पैर रखना – दारू पीकर घर जाना
आकाश के तारे तोड़ना – ठेके की लाईन में पहले स्थान पर होना
तिल का ताड़ बनाना – दारू पीकर उपदेश देना
ठन ठन गोपाल – पीने के लिए पैसा न होना
दम मे दम आना – पीने के साथ काजू या नमकीन का जुगाड़ हो जाना
छाती पर साँप लोटना – बिना जानकारी ठेका बंद हो जाना
काम तमाम करना – पूरी बोतल खतम करना